सफलता और मेहनत
"अगर मेहनत से सफलता हासिल होती तो हर मजदूर आज सफल होता...."
और यह बात मुझे मेरे पापा ने कही थी।
हर इंसान अपने गोल के हिसाब से मेहनत करता है। एक मजदूर जिसको पता ही नही कि apple के फोन और nokia के फोन मे क्या फऱक होता है तो वो कभी apple का फोन चलाने की सोचेगा भी नही......
और जब सोचेगा ही नही तो खरीदेगा भी नही और जब खरिदेगा ही नही तो वो अपने मजदूरी से उपर ऊठेगा कैसे?
और जब ऊठना ही नही तो मजदूरी ही करता रहेगा...
और हर नोकरी करनेवाला मजदूर ही होता है असल मे..
लेकिन बस हमारे नजरिए कि बात है हम उसे किस नजर से देखते है.....
और इलाज नजर का होता है नजरिए का नही....
हम किसी भी चीज को पाने के लिए तभी मेहनत करते है जब हमे उसके फायदे पता हो और अपने दिमाग को समझा सकें कि उसे हम किस तरह से इस्तेमाल कर सकते है.........
और यह हमारे दिमाग के उपर है कि उसे पाने के लिए हम किस तरह से मेहनत करते है ,
Hard work or smart work.....
choice is yours.....